AI की दुनिया में पिछले कुछ सालों से GPT नाम सबसे ज़्यादा चर्चा में है—एक ऐसा डिजिटल दिमाग़ जो इंसानों की तरह लिखता-बोलता है, और आज तस्वीरें व आवाज़ तक समझ लेता है। इसकी यात्रा कुछ यूँ समझिए: एक नर्सरी के बच्चे से शुरू होकर आज अनुभवी मैनेजर तक।
GPT-1 (2018) — शुरुआत का स्टूडेंट। छोटे-छोटे वाक्य बना लेता था, पर लंबी बातों में उलझ जाता था। रिसर्च के लिए काम आया, ताकि देखा जा सके कि मशीनें natural language सीख सकती हैं या नहीं।
आसान उदाहरण: आप पूछें—“मौसम कैसा है?” तो सादा सा जवाब दे देता—“ठीक है, धूप है।” पर अगर कहें—“कल से अगली हफ्ते तक के मौसम पर छोटा कॉलम लिखो”—तो गड़बड़ा जाता।
Editor’s note: यह बस ट्रेलर था—फिल्म आगे थी।
GPT-2 (2019) — अब बच्चा कहानीकार बन गया। लंबे, जुड़े हुए पैराग्राफ; कविता और कहानी लिखने लगा। पर कभी-कभी तथ्य ग़लत भी बोल देता था।
आसान उदाहरण: कहें—“चाँद पर एक बिल्ली की छोटी कहानी लिखो।” तो मज़ेदार, पूरी कहानी लिख देगा। लेकिन पूछें—“1998 वर्ल्डकप किसने जीता?”—तो कभी-कभी आत्मविश्वास से गलत बता देता।
Editor’s note: क्रिएटिविटी ने दुनिया को उत्साहित भी किया और थोड़ा डराया भी।
GPT-3 / 3.5 (2020–2022) — कॉलेज का टॉपर। कंटेंट लिखना, अनुवाद, Q&A, हल्की-फुल्की कोडिंग—सब कर देता। यहीं से आम लोगों के लिए ChatGPT लोकप्रिय हुआ।
आसान उदाहरण 1: “मेरे बेकरी के लिए 3 इंस्टा कैप्शन दे दो।” — तुरंत आकर्षक कैप्शन मिल जाते।
आसान उदाहरण 2: “एक बेसिक HTML पेज लिख दो।” — चलने लायक सिंपल कोड दे देता, पर जटिल सिस्टम आर्किटेक्चर पर डगमगा सकता था।
Editor’s note: जवाब फास्ट, पर कभी-कभी भरोसे से गलत—fact-check ज़रूरी।
GPT-4 (2023) — समझदार प्रोफ़ेशनल। तर्क बेहतर, गलती कम, और इमेज समझने की क्षमता भी (तस्वीर देखकर बताना कि इसमें क्या है)।
आसान उदाहरण 1: “इस CV को पढ़कर 5 सुधार बताओ।” — सटीक, पॉइंट-वाइज़ सुझाव।
आसान उदाहरण 2: किसी ऐप UI का स्क्रीनशॉट दिखाएँ और पूछें—“UX में कहाँ अटक रहा है?” — व्यावहारिक फीडबैक देता।
Editor’s note: अब यह इंटर्न नहीं, एक भरोसेमंद सीनियर जैसा लगा।
GPT-4o (2024) — रियल-टाइम दोस्त। टेक्स्ट, इमेज, ऑडियो—तीनों पर फुर्तीला। लाइव बातचीत, त्वरित अनुवाद, और इंटरएक्टिविटी इसके फ़ायदे।
आसान उदाहरण 1: “मेरे अंग्रेज़ी वाक्य का तुरंंत हिंदी अनुवाद करके बोल कर सुनाओ।” — लाइव ट्रांसलेशन।
आसान उदाहरण 2: “वीडियो कॉल पर दिख रही सर्किट की गलती बताओ।” — कैमरा इनपुट देखकर शुरुआती डायग्नोसिस।
Editor’s note: स्पीड और रिस्पॉन्स ने इसे वॉयस असिस्टेंट जैसा नैचुरल बना दिया।
GPT-5 (2025) — प्रोजेक्ट मैनेजर टाइप। गहरी reasoning, बड़ा संदर्भ, मल्टी-स्टेप प्लानिंग—यानी सिर्फ जवाब नहीं, पूरी रणनीति और क्रियान्वयन का खाका।
आसान उदाहरण 1: “मेरी किराना ऐप के लिए 7-दिन का मार्केटिंग प्लान, बजट और KPIs के साथ बना दो।” — चैनल-वाइज़ टास्क, टाइमलाइन, और मापने के तरीक़े देता।
आसान उदाहरण 2: “इस कोडबेस में पेमेंट बग ढूँढकर फिक्स प्लान दो।” — root-cause समझाकर चरणबद्ध समाधान और टेस्ट-केस सुझाता।
Editor’s note: अब यह सिर्फ मददगार नहीं—पूरे प्रोजेक्ट का साझेदार बन सकता है।
कुल मिलाकर, GPT का सफ़र “शब्द समझना” से “रणनीति बनाना” तक पहुँच चुका है। आम उपयोग—कंटेंट राइटिंग, कस्टमर सपोर्ट, रिसर्च, कोडिंग, अनुवाद, डॉक्यूमेंट विश्लेषण, डिज़ाइन फीडबैक और अब रियल-टाइम बातचीत। समझदारी यही है कि क्रिएटिव कामों में खुलकर इस्तेमाल करें, और तथ्यों पर काम करते समय हमेशा दोबारा जाँच लें।

