टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बड़ा बदलाव: कोडिंग नहीं, अब फिजिक्स और मैथ्स हैं भविष्य
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में दो दिग्गजों – एलन मस्क और एनवीडिया के सीईओ जेन्सेन हुआंग ने छात्रों और युवा प्रोफेशनल्स के लिए एक बिलकुल नई सलाह दी है। उनका मानना है कि अब सिर्फ कोडिंग पर ध्यान देने से काम नहीं चलेगा, बल्कि भविष्य में सफलता के लिए फिजिक्स और मैथ्स जैसे बुनियादी विज्ञान के विषयों में महारत हासिल करना ज़्यादा ज़रूरी है।
यह सलाह ऐसे समय में आई है, जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तेज़ी से प्रगति कर रहा है और कई रूटीन कोडिंग टास्क को स्वचालित (automate) कर रहा है।
क्यों बदल रही है सोच?
एक इंटरव्यू के दौरान, मस्क और हुआंग ने इस बात पर जोर दिया कि आने वाले समय में AI टूल्स, कोड लिखने और डीबग करने जैसे काम आसानी से कर लेंगे। ऐसे में, सिर्फ प्रोग्रामिंग स्किल्स की वैल्यू कम होती जाएगी। हुआंग ने कहा, “AI उस काम को नहीं कर सकता जो आप नहीं कर सकते।” यानी, AI की सीमाएं हमारे सोचने और समझने की क्षमता से तय होती हैं।
दोनों दिग्गजों का कहना है कि भविष्य की बड़ी खोजें सिर्फ बेहतर कोडर्स से नहीं, बल्कि उन लोगों से होंगी जो वैज्ञानिक सिद्धांतों को गहराई से समझते हैं। मस्क के स्पेसएक्स रॉकेट से लेकर हुआंग की एडवांस्ड चिप्स तक, हर बड़ी सफलता के पीछे इंजीनियरिंग, फिजिक्स और गणित का गहरा ज्ञान होता है।
भविष्य के लिए क्या है संदेश?
उनका सीधा संदेश है कि युवा पीढ़ी को सिर्फ मशीनों को चलाना या कोड लिखना नहीं सीखना चाहिए, बल्कि यह समझना चाहिए कि दुनिया कैसे काम करती है। एक ऐसा समय आ रहा है जब AI और ऑटोमेशन सामान्य कोडिंग की नौकरियों को संभाल लेंगे। उस समय, वैज्ञानिक और गणितीय सिद्धांतों की आपकी समझ ही आपको सबसे अलग खड़ा करेगी। यह आपको सिर्फ मशीन चलाने वाला नहीं, बल्कि मशीनों को कुछ नया सिखाने वाला और बनाने वाला बनाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सलाह STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स) शिक्षा के महत्व को और भी बढ़ाती है और छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान पर अपनी पकड़ मज़बूत करने के लिए प्रेरित करती है।

